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“निर्मल गंगा जन अभियान” : गायत्री परिवार ने रचा इतिहास

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“निर्मल गंगा जन अभियान” : गायत्री परिवार ने रचा इतिहास ,

१८ अक्टूबर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को और सशक्त करते हुए; गायत्री परिवार के पांच हजार से अधिक कार्यकर्ता भाई-बहिनों एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिवार ने किया श्रमदान

“अपना सुधार संसार की सबसे बडी सेवा है” – युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य

परिवर्तन के उत्प्रेरक शांति के नए युग के लिए; गायत्री परिवार जीवन जीने कि कला के, संस्कृति के आदर्श सिद्धांतों के आधार पर परिवार,समाज,राष्ट्र युग निर्माण करने वाले व्यक्तियों का संघ है। वसुधैव कुटुम्बकम् की मान्यता के आदर्श का अनुकरण करते हुये हमारी प्राचीन ऋषि परम्परा का विस्तार करने वाला समूह है गायत्री परिवार। एक संत, सुधारक, लेखक, दार्शनिक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक और दूरदर्शी युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा स्थापित यह मिशन युग के परिवर्तन के लिए एक जन आंदोलन के रूप में उभरा है

श्रद्धेय डॉ.प्रणव पण्ड्या जी (कुलाधिपति, दे.सं.वि.वि. एवं प्रमुख, अखिल विश्व गायत्री परिवार) गंगा सफाई के दौरान

अखिल विश्व गायत्री परिवार ने निर्मल गंगा जन अभियान के अंतर्गत को गंगोत्री से गंगासागर तक एक साथ एक समय पर गंगा के दो सौ घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाकर एक नया इतिहास रचा। उत्तराखंड के कोटी कालोनी, नई टिहरी, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश के कानपुर, वाराणसी तक माँ गंगा घाटों पर चलाया गया वृहद स्वच्छता अभियान

समग्र स्वच्छ्ता कार्यक्रम में सफाई करने हेतु प्रस्थान करते देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थीगण

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काशी, ब्रह्माण्ड में स्थित आध्यात्म, संस्कृति एवं ज्ञान का ऐसा केंद्र जिसे पहचान की आवश्यकता नहीं; सुरसरि माँ गंगा किनारे विद्यमान देवभूमि काशी को स्वयं भगवान शिव ने अपना प्रासाद कहा है! काशी सारे दुःखों को समाप्त करने वाली मोक्षदायिनी नगरी है। नैषधचरित के रचनाकार श्री हर्ष ने कुछ इस तरह प्रस्तुत किया है:

वाराणसी निविशते न वसुन्धरायां तत्र स्थितिर्मखभुआं भवने निवासः।

तत्तीर्यमुक्तवपुषामत एव मुक्तिः स्वर्गात् परं पदमुपदेतु मुदेतुकीदृक।।

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मई २०१४: काशी को एक नवीन स्वरुप प्राप्ति का एक स्वर्णिम अवसर मिला, जब जनमानस ने देश के प्रधानमंत्री को यहां से चुनकर भेजा; [आज भी प्रधानमंत्री के वे शब्द गूंजते हैं, मैं आया नहीं, मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है] पर्यटकों की निगाह में काशी की गन्दगी प्रथमदृष्टया होती थी; प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से स्वच्छता अभियान” आज नवीन आयाम स्थापित कर रहा है

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काशी में निर्मल गंगा जन अभियान ; तुलसी घाट सहित, राजेंद्र प्रसाद घाट से लेकर अस्सी घाट तक चला : गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं के इस अभूतपूर्व योगदान की चर्चा काशी की नागरिकों के मध्य सराहना का केंद्र बना हुई है | आदरणीय अशोक जी के अनुसार निरंतर माँ गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता हेतु गायत्री परिवार अपना योगदान देता रहेगा

प्रस्तुत हैं स्वच्छता अभियान की कुछ झलकियाँ :




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गायत्री परिवार ने गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक २५२५ किमी की दूरी तय करने वाली पापनाशिनी माँ गंगा को स्वच्छ करने का दायित्व उठाया  है। राष्ट्रीय स्तर पर निर्मल गंगा जन अभियान का शुभारंभ किया जा चुका है, गंगा के दोनों तटों की ओर बसने वाले लोगों में जन जागरण किया जा रहा एवं भारत की जीवनदायिनी माँ गंगा को निर्मल करने में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। गंगोत्री से गंगासागर तक के तीन चरण के कार्य पूरे हो चुके हैं – अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या


२, १३, १८ अक्टूबर के बाद २५ अक्टूबर को भी गायत्री परिवार के हजारों कार्यकर्ताओं ने निःस्वार्थ भाव से गंगा स्वच्छता अभियान में सहभागिता दर्ज़ की

स्वच्छता के साथ वृक्षारोपण का कार्य ऐसा है जिससे स्वास्थ्य रक्षा भी होती है तथा पर्यावरण सन्तुलन की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान संभव होता है। अतएव २७ अक्टूबर को शांतिकुंज से १०० साइकिलों की टोली भारत के गाँव-देहातों में बसी आबादियों तक गंगा स्वच्छता का संदेश पहुँचाने हेतु रवाना हुई।

शांतिकुंज के अतिरिक्त देश के विभिन्न स्थानों से भी गंगा सफाई हेतु साइकिल टोलियाँ निकलेंगी एवं निर्दिष्ट स्थानों पर जाकर गंगा स्वच्छता कार्य में सम्मिलित होंगी – अभियान पर कार्य कर रहे श्री केदार प्रसाद दुबे


गंगा सहित ५० से अधिक नदियों तथा अन्य क्षेत्रों में भी चल रहे यह स्वच्छता कार्य सतत चलते रहने चाहिए एवं साथ ही वृक्षारोपण भी होते रहने चाहिए जिससे पर्यावरण सन्तुलन बना रहे – गायत्री परिवार प्रमुख आदरणीया शैलबाला पण्ड्या

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

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